मार्च 2022 के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था यूके से आगे निकल कर विश्व स्तर पर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा विकास की गति से भारत वर्ष 2027 तक जर्मनी और 2029 तक जापान से आगे निकलने की राह पर है। राज्य के स्वामित्व वाले एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2014 से पांच स्थानों की छलांग लगाई, जब यह दसवें स्थान पर था।

भारत 2014 के बाद से एक बड़े संरचनात्मक बदलाव से गुजरा है और अब यह 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दिलचस्प बात यह है कि भारत ने दिसंबर 2021 की शुरुआत में ही ब्रिटेन को 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पीछे छोड़ दिया था, न कि हाल ही में जैसा कि दावा किया जा रहा है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद का हिस्सा अब 3.5% है, जो 2014 में 2.6% था और 2027 में 4% को पार करने की संभावना है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में जर्मनी की वर्तमान हिस्सेदारी है, आर्थिक सलाहकार, एसबीआई।

वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि 13.5 प्रतिशत थी, यह वृद्धि अनुकूल आधार और कृषि, सेवाओं और निर्माण क्षेत्रों में वृद्धि के कारण हुई। चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने का अनुमान है। दिलचस्प बात यह है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर का अनुमान वर्तमान में 6.7 प्रतिशत से 7.7 प्रतिशत तक है, हम दृढ़ता से मानते हैं कि यह महत्वहीन है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनिश्चितताओं से त्रस्त दुनिया में हमारा मानना है कि 6 फीसदी से 6.5 फीसदी की वृद्धि नया सामान्य है।

             

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