भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई की तुलना में अगस्त में तेज गति से बढ़ी, जो लगातार आठवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक के 2% -6% के तय क्षेत्र से बाहर रही। अगस्त में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति एक साल पहले की अवधि की तुलना में 7% बढ़ी, मुख्य रूप से उच्च खाद्य कीमतों के कारण इसमें बढ़ोतरी देखि गयी। खाद्य मुद्रास्फीति अगस्त में 7.62 प्रतिशत और जुलाई में 6.75 प्रतिशत दर्ज की गई थी। अगस्त में सब्जियों के दाम 13.23 प्रतिशत, फलों के दाम 7.39 प्रतिशत और दालों के दाम 2.52 प्रतिशत बढ़े। इस बीच, इसी महीने के दौरान ईंधन और ऊर्जा में 10% से अधिक की कमी आई, आवास में 4.06% की कमी आई।
जुलाई 2021 में खुदरा कीमते सालाना आधार पर 6.71 पर्सेंट बढ़े थे। अगस्त 2022 के दौरान ग्रामीण मुद्रास्फीति 7.2% बढ़ी, जबकि शहरी क्षेत्रों में कीमतों में सालाना आधार पर 6.72% की वृद्धि हुई। क्रमिक रूप से, हेडलाइन मुद्रास्फीति वृद्धि 0.52% दर्ज की गई थी। जुलाई 2022 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) द्वारा मापी जाने वाली औद्योगिक गतिविधि में 2.4% की वृद्धि हुई; जुलाई 2021 में इसमें 11.5% की वृद्धि हुई थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2022 में विनिर्माण में 3.2% की वृद्धि हुई, खनन में 3.3% की गिरावट आई, जबकि बिजली उत्पादन में 2.3% की वृद्धि हुई।
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