प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी के एक मामले में धन शोधन रोधी कानून के तहत चंडीगढ़ की एक दवा कंपनी की 185 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी होने के बाद कंपनी, सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड और कुछ संबद्ध संस्थाओं की इमारतों, संयंत्र और मशीनरी को कुर्क किया गया है।

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दो सीबीआई प्राथमिकी से उपजा है जिसमे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), चंडीगढ़ और पंजाब एंड सिंध बैंक, करनाल ने कंपनी, उसके प्रबंध निदेशक राजीव गोयल और अन्य के खिलाफ 828 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के लिए शिकायत की थी। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा।

ईडी ने कहा कि फर्जी चालान के बदले कंपनी के नाम पर लेटर ऑफ क्रेडिट का लाभ उठाया गया था और कथित तौर पर संबंधित संस्थाओं द्वारा इन एलओसी की छूट दी गई थी। ईडी ने कहा, धोखाधड़ी लेनदेन के माध्यम से, आरोपी ने बैंकों से ली गई क्रेडिट सुविधाओं की आय को छीन लिया और कंपनी, व्यक्तियों और संबंधित संस्थाओं के नाम पर विभिन्न संपत्तियों की खरीद के लिए इस्तेमाल किया।

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