राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.3 प्रतिशत रह गई। पिछले साल जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.4 फीसदी थी। तिमाही-दर-तिमाही आधार पर, वित्त वर्ष 2022-23 की पिछली अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था का विस्तार 13.5 प्रतिशत की दर से हुआ है।

2022-23 की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी या जीडीपी 38.17 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2021-22 की दूसरी तिमाही में यह 35.89 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले साल के 8.4 प्रतिशत की तुलना में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।


2022-23 की दूसरी तिमाही में नाममात्र जीडीपी या मौजूदा कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद 65.31 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2021-22 की दूसरी तिमाही में यह 56.20 लाख करोड़ रुपये था, जो कि 2021-22 की दूसरी तिमाही में 19.0 प्रतिशत की तुलना में 16.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

समीक्षाधीन तिमाही में देश का विनिर्माण क्षेत्र 4.3 प्रतिशत सिकुड़ा, जो पिछले तीन महीने की अवधि में 5.6 प्रतिशत से कम था। कृषि क्षेत्र में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एक साल पहले इसी अवधि (जुलाई-सितंबर) में, महामारी ने अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया था, जिससे यह लगभग ठप हो गई थी। इस महीने की शुरुआत में, भारतीय रिजर्व बैंक के बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में, इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.1 से 6.3 प्रतिशत आंकी गई थी।

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