रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने गुरुवार को कहा कि रेलवे में सभी नई भर्तियां यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के जरिए पांच विशेषज्ञताओं के तहत होंगी। बता दें, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रेलवे की 8 सेवाओं का विलय कर उन्हें भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) बना दिया है। यादव ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अन्य अभ्यर्थियों की तरह ही रेलवे में नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों को पहले प्रारंभिक परीक्षा देनी होगी। इसके बाद वे पांच विशेषज्ञताओं के तहत आईआरएमएस को चुन सकते हैं।

 

 

इन पांच विशेषज्ञताओं में से ‘टेक्निकल’ के तहत चार इंजिनियरिंग.... सिविल, मकैनिकल, टेलिकॉम और इलेक्ट्रिकल... के और एक नॉन टेक्निकल होगा। नॉन टेक्निकल में अकाउंट्स, पर्सनेल और ट्रैफिक क्षेत्र की नियुक्तियां होंगी। उन्होंने कहा, 'इसकी विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी, लेकिन फिलहाल ऐसा है कि.... अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा देंगे और फिर अपनी पसंद चुनेंगे। उन्हें आईआरएमएस परीक्षा में शामिल होने का भी विकल्प दिया जाएगा।'

 


यादव ने कहा, 'हम पांच विशेषज्ञताओं के तहत हमारी भर्ती को स्पष्ट करते हुए उसका मांगपत्र भेजने वाले हैं। इनमें चार इंजिनियरिंग के हैं और एक नॉन इंजिनियरिंग। नॉन इंजिनियरिंग वाले में आर्ट्स फैकल्टी के लोग नियुक्ति पा सकते हैं। इसमें अकाउंट, ट्रैफिक और पर्सनेल सेवाएं शामिल होंगी। सभी को एक ही समय पर पदोन्नति दी जाएगी।'

 

 

2021 से होगी भर्ती
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि पहले बैच की भर्ती 2021 में होगी, जबकि विलय किए गए अधिकारियों के साथ 5 सदस्यीय नया बोर्ड अगले साल अस्तित्व में आएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष, जो रेलवे का नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी होगा, सिर्फ और भारतीय रेलवे सेवा का अधिकारी होगा। वह किसी अन्य सेवा से नहीं आएगा। यादव ने कहा, '35 साल का अनुभव रखने वाले भारतीय रेलवे सेवा के अधिकारी ही अध्यक्ष/सीईओ नियुक्त किए जाएंगे।'

 

 

यादव इसी महीने के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सेवाओं के विलय का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि अधिकारी रेलवे को अपनी सेवाओं से पहले रखें। जबकि मौजूदा प्रणाली में अधिकारियों के लिए उनकी सेवाएं रेलवे से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई थीं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष यादव ने कहा, 'कैडर के विलय से जुड़ी रूपरेखा तय होने तक सभी अधिकारी अपनी-अपनी विशेषज्ञता सेवा क्षेत्रों में काम करना जारी रखेंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी अधिकारी के करियर की प्रगति में कोई बाधा/रुकावट ना आए।'

 

 

अधिकारियों में आशंका के बीच घोषणा
गौरतलब है कि कैडरों के विलय की घोषणा के बाद अधिकारियों के बीच अपनी वरिष्ठता खोने को लेकर उत्पन्न आशंकाओं की पृष्ठभूमि में यादव ने यह घोषणा की है। यादव ने कहा कि रेलवे अपने करियर में पीछे चल रहे अधिकारियों को ऊपर उठाने का प्रयास करेगा, ना कि जो आगे निकल गए हैं उन्हें नीचे करने की।

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