संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 4 अक्टूबर को कहा कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को कोरोनवायरस संकट पर स्थगित नहीं किया जा सकता है। शीर्ष अदालत यूपीएससी के उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो आगामी सिविल सेवा (प्रीलिम्स) परीक्षा 20 को स्थगित करने की मांग कर रही थी।


न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कल तक यूपीएससी से एक हलफनामा मांगा है और 23 अक्टूबर को फिर से इस मामले की सुनवाई करेगी। अदालत ने यूपीएससी के वकील से परीक्षाओं को स्थगित नहीं करने के कारणों को प्रस्तुत करने के लिए कहा।


24 सितंबर को शीर्ष अदालत ने यूपीएससी के वकील के साथ याचिका की प्रति परोसने के लिए वसीरेड्डी गोवर्धन साईं प्रकाश की अगुवाई में 20 उम्मीदवारों की अपील करते हुए एक वकील से पूछा था।


पहले 31 मई को होने वाली परीक्षा को महामारी के कारण 4 अक्टूबर को रद्द कर दिया गया था।


सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा के आयोजन के खिलाफ 4 अक्टूबर को 20 यूपीएससी उम्मीदवारों द्वारा याचिका दायर की गई है।

सात घंटे लंबी इस ऑफलाइन परीक्षा की दलील के अनुसार, देशभर के 72 शहरों में परीक्षा केंद्रों पर लगभग छह लाख उम्मीदवारों द्वारा परीक्षा दी जाएगी।

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