एक झूठ को छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते है और ये झूठ कितनी मुसीबत और कन्फ्यूजन पैदा करते हैं, यही स्टोरी लाइन है निर्देशक समीप कंग निर्देशित 'झूठा कहीं का' की। इस फिल्म में हीरो अपने प्यार को पाने के लिए अपने अनाथ होने का झूठा जाल रचता है और फिर उस जाल में फंसता चला जाता है। इसी स्टोरी लाइन पर हाल ही में 'फंसते फंसाते' नाम की एक और फिल्म भी आई थी।


कहानी : फिल्म की कहानी यूं तो दो दोस्तों वरुण (ओमकार कपूर) और करण (सनी सिंह) की है, जो मॉरीशस में रहते हैं। वरुण का पिता योगराज सिंह (ऋषि कपूर) पंजाब में रहनेवाला रिटायर पुलिसवाला है, जो अपने साले (राजेश शर्मा) और उसकी बीवी के साथ रहता है, मगर वरुण मॉरीशस में ही अपना फ्यूचर बनाना चाहता है। वहां उसे रिया (निमिषा मेहता) से प्यार हो जाता है। निमिषा को पाने के लिए वह अपने अनाथ होने का नाटक रचता है, मगर उस वक्त मुसीबत में पड़ जाता है, जब उसका पिता योगराज सिंह पूरे परिवार के साथ मॉरिशस में उसी घर का किरायेदार बनकर आ जाता है, जहां वह रिया की मां रुचि मेहता (लिलिट दुबे) और अपाहिज पिता (मनोज जोशी) के साथ रहता है। अपने झूठ को छिपाने के लिए वह अपने दोस्त करण को रिया का पति बताता है, मगर करण रुचा वैद्य से प्यार करता है। उधर करण ने अपनी प्रेमिका को अपने भाई टॉमी पांडे (जिमी शेरगिल) के लंदन में होने का झूठ बोला है, जबकि उसका भाई फ्रॉड के केस में जेल में है। दोनों दोस्त झूठ की दलदल में गहरे धंसते जाते हैं। 

देखिए झूठा कहीं का फिल्म का ट्रेलर…


रिव्यू : निर्देशक समीप कंग की यह फिल्म उन्हीं की ब्लॉकबस्टर पंजाबी फिल्म 'कैरी ऑन जट्टा' की रीमेक है। फिल्म में कॉमिडी ऑफ एरर्स की भरमार है। हंसी पैदा करने के लिए कन्फ्यूजन भी बहुत ज्यादा ही क्रिएट कर दिया गया है, मगर कमजोर स्क्रीनप्ले के कारण कहानी पकड़ नहीं बना पाती। फिल्म में कई डायलॉग्ज ऐसे हैं जो औरतों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले लगते हैं। कॉमिडी के कुछ पंच जरूर हैं, जो हंसाते हैं और क्लाइमेक्स मनोरंजक है। 




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