साल 2003 में पाकिस्तानी नागरिकता होने के बावजूद मुंबई में फ्लैट्स व पार्किंग स्पेस खरीदने के मामले में अदनान सामी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। हालांकि, यह जुर्माना सिंगर के लिए राहत की बात है क्योंकि इससे पहले ईडी द्वारा अदनान की करोड़ों की पूरी प्रॉपर्टी को जब्त कर लेने का आदेश दिया गया था, जिसे 12 सितंबर को अपीलेट ट्रिब्यूनल कोर्ट ने खारिज कर दिया।


क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2003 में अदनान सामी ने मुंबई में 8 फ्लैट्स और 5 पार्किंग स्पेस खरीदी थीं। उस समय उनके पास पाकिस्तान की नागरिकता था। इन प्रॉपर्टीज को लेने की जानकारी अदनान ने आरबीआई को नहीं दी थी, जो फॉरन सिटिजन के लिए जरूरी होती है। दरअसल, भारतीय कानून के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बाहरी देश का नागरिक है और वह भारत में प्रॉपर्टी लेता है या किसी तरह का निवेश करता है तो उसे इसकी सूचना आरबीआई को देनी होती है।



अदनान सामी द्वारा इस बारे में सूचना नहीं देने की बात पता चलने पर फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत ईडी ने सिंगर पर साल 2010 में 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए उनकी प्रॉपर्टीज सीज कर दी थीं। इसके खिलाफ अदनान ने अपीलेट ट्रिब्यूनल कोर्ट में अपील की थी। इस पर अब ट्रिब्यूनल का फैसला आया है।



क्या कहा ट्रिब्यूनल ने
जानकारी के अनुसार, ट्रिब्यूनल के चेयरमेन ने कहा कि इस केस में किसी भी तरह से फॉरन एक्सचेंज शामिल नहीं है, इसलिए विदेशी मुद्रा का कोई नुकसान नहीं हुआ है। पूरा भुगतान भारतीय रुपये में किया गया है। यहां तक कि प्रॉप्रटी के लिए लिया गया लोन और भारत व बाहर हुई कमाई और उससे पर लगने वाले टैक्स को भी सिंगर ने भारतीय रुपये में चुकाया है।



इस बात को आधार बनाते हुए ट्रिब्यूनल ने फेमा कानून के तहत जब्ती के आदेश को खारिज कर दिया। हालांकि, उन्होंने ईडी द्वारा लगाए गए मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया। इसमें से सिंगर को 40 लाख भरने होंगे क्योंकि वह 10 लाख का भुगतान पहले ही कर चुके हैं। इसके लिए अदनाना सामी को तीन महीने का समय दिया गया है।



बता दें कि, साल 2016 में अदनान सामी को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई थी। ट्रिब्यूनल के फैसले पर सिंगर ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनकी मेहनत की कमाई से खरीदी गई संपत्ति बच गई यह उनके लिए बहुत बड़ी खुशी है।

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