नयी दिल्ली। 70 के दशक की सबसे टैलेंटेड और खूबसूरत एक्ट्रेस रंजीता कौर आज अपना 63वां जन्मदिन मना रही है। रंजीता कौर ने बॉलीवुड में डेब्यू 'लैला मजनू' फिल्म से किया था। इस फिल्म में रंजीता के अपोजिट ऋषि कपूर थे। इसके बाद रंजीता अमिताभ के साथ सत्ते पे सत्ता' के अलावा कई फिल्मों में नजर आईं। इन फिल्मों में 'अंखियों के झरोखों से', 'पति पत्नी और वो', 'मेरी बीवी की शादी', ''हथकड़ी' के अलावा कई और फिल्में की।
आपको बता दें कि 'लैला मजनू' और 'अंखियों के झरोखों से' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के बाद रंजीता सभी की पसंद बन गईं थीं। हर निर्माता-निर्देशक उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहता था। लेकिन एक ऐसा वक्त आया जब उनका करियर डूबने लगा।
रंजीता ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ 'तराना', 'सुरक्षा' जैसी और कई फिल्में कीं लेकिन बढ़ती शोहरत को रंजीता संभाल नहीं पाईं। कहा जाता है कि मिथुन चक्रवर्ती के साथ कथित संबंधों के चलते रंजीता के व्यवहार में काफी बदलाव आ गया था। वो काफी तुनकमिजाज हो गईं थीं और यही तुनकमिजाजी रंजीता के करियर पर भारी पड़ी। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि उस वक्त रंजीता ने फिल्मों में अंग प्रदर्शन करने से मना कर दिया था जिसकी वजह से उनका करियर पीछे रह गया।
रंजीता ने 90 के दशक में ही इंडस्ट्री छोड़ दी। हालांकि तकरीबन 15 साल बाद 2005 में रंजीता ने 'अंजाने' फिल्म से बड़े पर्दे पर फिर से वापसी की लेकिन उनका जादू दर्शकों पर नहीं चल पाया।
वह "अँखियों के झरोखों से" के लिए बेस्ट एक्ट्रेस, "पति, पत्नी और वो" तथा 1982 की फिल्म "तेरी कसम" के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के तौर पर फिल्म फेयर पुरस्कारों के लिए नामांकित हुई थीं, लेकिन उन्हें एक बार भी पुरस्कार नहीं मिल पाया।