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याचिकाकर्ता को एनसीबी ने ड्रग्स मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत पकड़ा था. उस पर सुशांत के लिए ड्रग्स खरीदने का आरोप लगा था. इसके बाद उसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो हफ्ते पहले जमानत पर रिहा कर दिया था. livelaw.in के अनुसार उसने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एनसीबी ने रिकॉर्ड में दर्शाया है कि उसे 5 सितंबर को रात आठ बजे गिरफ्तार किया गया था. लेकिन असल में उसे 4 सितंबर को रात दस बजे पकड़ा गया था. इसके बाद उसे एनसीबी के पास ही रखा गया. उसके अनुसार उसे 6 सितंबर को दोपहर 1:30 बजे कोर्ट में पेश किया गया था. इसके बाद उसे एनसीबी की रिमांड में 9 सितंबर तक भेज दिया गया था.
याचिका में कहा गया है कि उसे कोर्ट के सामने 36 घंटे से अधिक समय के बाद पेश किया गया. यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस और संविधान के अनुच्छेद 22 का उल्लंघन है. नियम के मुताबिक गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर ऐसा करना होता है. याचिकाकर्ता को 7 अक्टूबर को रिया चक्रवर्ती और सैमुअल मिरांडा के साथ ही हाईकोर्ट ने जमानत पर छोड़ दिया था.