समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को भाजपा ने मंगलवार को कहा कि अपने पार्टी नेताओं के खिलाफ वह जमीन कब्जाने और अवैध कारोबार चलाने के आरोप में कार्रवाई करके दिखाएं? सवाल करते हुए पार्टी ने पूछा की "क्या सपा प्रमुख ने अपने बेटे अखिलेश यादव के हितों को पार्टी हितों से ऊपर रखा है?"      
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भाजपा ने कहा कि सार्वजनिक आलोचना एक और बार का अर्थ है कि सपा ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों का चुनावी बिगुल बजने से काफी पहले हार मान ली है| सिद्धार्थ नाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह बयान दिया| सपा अध्यक्ष मुलायम ने एक दिन पहले ही अपने भाई शिवपाल का समर्थन किया था, जिन्होंने जमीन कब्जाने और अन्य अवैध गतिविधियों में पार्टी नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की धमकी दी थी|              
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सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि "मुलायम सिंह यादव ने 2012 में अपने बेटे की अगुवाई वाली सरकार के आने के बाद से पांच बार उसकी सार्वजनिक आलोचना की है| इसका मतलब इसे 'असफल सरकार' कहना है| उन्होंने कहा कि "मुलायम को जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपने नाम पर 2012 में वोट मांगे थे और फिर अखिलेश को मुख्यमंत्री बना दिया था|"


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