तमिलनाडु विधानसभा में बुधवार को जोरदार कोहराम मचा| सदन में सत्ताधारी एआईएडीएमके के एक मेंबर ने अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष के नेता एमके स्टालिन का मजाक उड़ाया, जिसका डीएमके ने कड़ी निंदा की और विरोध किया| इस वजह से डीएमके के सभी विधायकों को सदन से बाहर कर और फिर निलंबित कर दिया गया| 234 सदस्य वाली तमिलनाडु विधानसभा में डीएमके के 89 विधायक हैं| पी धनपाल विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा के मार्शलों को डीएमके के मेंबर्स को बाहर निकालने का हुकुम दिया|
बाद में सरकार ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए ससपेंड करने का सुझाव रखा, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया| भवन और आईटी विभागों के लिए अनुदान की मांग को लेकर हो रहे वाद-विवाद के समय यह कोहराम मचा, जब एआईएडीएमके सदस्य एस गुनासेकरन ने स्टालिन का नाम लिए बिना ‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम पर कुछ कमेंट किये, जिसे इस साल विधानसभा चुनाव से पहले डीएमके के कोषाध्यक्ष ने शुरू किया था| ‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम के दौरान स्टालिन ने राज्य का दौरा किया था और लोगों से बातचीत की थी|
कार्यक्रम के बारे में की आलोचनाओं पर डीएमके सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया| वे चाहते थे कि विधानसभा स्पीकर उसे सदन की कार्यवाही से हटा दें| धनपाल ने हालांकि कहा कि विधायक ने सीधे तौर पर किसी का जिक्र नहीं किया, लिहाजा टिप्पणियों को हटाने की आवश्यकता नहीं है| सदन में डीएमके के उपनेता दुरई मुरुगन ने कहा कि "नामक्कू नामे स्टालिन की पहल थी, लिहाजा टिप्पणियां सिर्फ उनके संदर्भ में की गई है और उन्होंने टिप्पणियों को हटाने की मांग की|"
इस वक्त तक स्टालिन ने खुद खड़े हो कर कहा कि उन्हें गर्व है कि नामाक्कू नामे का जिक्र विधानसभा में बहस के दौरान हुआ| उन्होंने भी कुछ कमेंट किये जिन्हें बाद में स्पीकर ने कार्यवाही से हटा दिया| इसके बाद डीएमके सदस्य खड़े हो गए और स्पीकर की कार्रवाई का विरोध करने लगे, जबकि धनपाल ने उनसे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा|