भाजपा ने अपनी चुनावी स्ट्रेटेजी में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी राष्ट्रीय विषयो पर कम, स्थानीय समस्याओ पर अधिक बोलने की योजना बना रही है। आगामी यूपी विधानसभा चुनावों में अब पीएम नरेंद्र मोदी नहीं स्थानीय मसलो का उल्लेखजिक्र होगा। अखबारों या न्यूज चैनल में पार्टी पदाधिकारियों की बात नरेंद्र मोदी से आरम्भ होकर सिर्फ उन्हीं पर अंत नहीं होगी। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने यह उपदेश मीडिया प्रभारियों को दी है।
हाल ही में लखनऊ में हुए एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही थी। "यूपी चुनाव 2017 में भाजपा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। उम्मीदवारों की घोषणा से लेकर सीएम पद के लिए चेहरा घोषित करने की तरह हर मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। यही वजह है कि भाजपा ने अब यूपी चुनावों के लिए एक नया फरमान जारी किया है।" अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि "स्थानीय स्तर पर कोई भी नेता न्यूज चैनल या अखबारों से बातचीत के दौरान सिर्फ और सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी पर ही बातचीत नहीं करेगा।
राष्ट्रीय स्तर की बातचीत करने के बजाए स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करेगा। पदाधिकारी या कार्यकर्ता के क्षेत्र में कौन सी स्थानीय समस्याएं हैं। उस समस्या के संबंध में उन्होंने क्या किया, अब उस समस्या की क्या स्थिति है। समस्या सुलझाने के बाद उसका प्रचार किया जाएगा। इन मुद्दों के अलावा किसी और मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी।"
अपने इस कदम से भाजपा जनता की स्थानीय मसलो से जुड़ना चाहती है। वोटरों को जाहिर करना चाहती है कि वो उनकी हर प्रोब्लेम्स पर नज़र रखे हुए हैं। लखनऊ सम्मेलन में आए पार्टी के 500 से अधिक मीडिया प्रभारियों को एक खास नसीहत दी गई थी कि प्रेस को जारी होने वाली रिलीज में नाम से ज्यादा मुद्दों पर जोर दिया जाए।