
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवीन पटनायक को अपने ट्विटर हैंडल से बधाई दी है। उन्होंने लिखा, 'ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर नवीन पटनायक जी को बधाई। लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए उन्हें और उनकी टीम को बधाई। मैं ओडिशा के विकास कार्य को लेकर केंद्र की ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन देता हूं।"
बीजेडी को 112 सीटों पर मिली जीत
बता दें कि ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा चुनाव में बीजेडी ने 146 में से 112 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं लोकसभा चुनाव में 21 सीटों में से बीजेडी को 12 सीटें मिलीं। स्पष्ट बहुमत के साथ नवीन पटनायक ने ओडिशा में एक बार फिर अपनी सरकार बनाई। प्रक्रिया के अनुसार, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल ने रविवार को बीजेडी अध्यक्ष को सरकार बनाने का न्योता दिया था। इसी के साथ राज्यपाल ने पटनायक को 11 कैबिनेट मंत्री 9 राज्यमंत्री को नियुक्त करने की सहमति भी प्रदान की थी।
मोदी लहर और फोनी चक्रवात का डटकर मुकाबला किया
ओडिशा में इस बार सीएम की कुर्सी पर 4 बार बैठ चुके नवीन पटनायक के सामने एक तो 'सत्ता विरोधी लहर' और 'मोदी-लहर' के रूप में दो-दो मुख्य चुनौतियां थीं। हालांकि नवीन ने 'फोनी चक्रवाती तूफान' के बाद 'मोदी सुनामी' का भी डटकर सामना किया। पटनायक की अगुवाई में बीजू जनता दल ने विधानसभा चुनावों में 2 प्रतिशत अधिक वोट शेयर हासिल किया।147 सदस्यों वाले विधानसभा में बीजेडी को 112 सीटें मिलीं जबकि बीजेपी 23 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही, लेकिन इससे पटनायक के वोट बैंक पर खास असर नहीं पड़ा। कांग्रेस राज्य में 9 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रही। वहीं बात अगर लोकसभा चुनावों की करें तो कुल 21 में से बीजेडी ने 12, जबकि बीजेपी ने 8 सीटें जीती। कांग्रेस के खाते में एक सीट ही गई।
ओडिशा को समर्पित, 22 सालों में नहीं ली छुट्टी
पिछले दो दशकों से नवीन पटनायक को जान रहे लोग उनकी राजनीतिक प्रवृति और समर्पण को बेहतर तरीके से समझते हैं। पटनायक अपने सहयोगियों को 'हड़बड़ी में काम करो-फुर्सत से पछताओ' की चेतावनी देते रहते हैं। पुरी सीट से सांसद पिनाकी मिश्र ने कहा, 'पटनायक ने राजनीति में आने के बाद पिछले 22 सालों से एक भी छुट्टी नहीं ली है। ओडिशा के लोगों के प्रति उनके समर्पण का कोई भी मुकाबला नहीं है।'
मोदी-शाह की रैलियों के तूफान को भी अकेले ही पछाड़ा
ओडिशा में नवीन की सफलता के पीछे महिला वोटर्स, विशेष तौर पर 'मिशन शक्ति' कार्यक्रम के तहत 70 लाख लोगों के सेल्फ हेल्प ग्रुप का पूरी प्रतिबद्धता के साथ उनके साथ खड़ा होना प्रमुख वजह है। यही वजह रही कि एक तरफ जहां पीएम मोदी ने 10 रैलियों को संबोधित किया और अमित शाह ने 18 दौरे किए, लेकिन फिर भी नवीन पटनायक बाजी मार ले गए। अपनी पार्टी के एकमात्र स्टार कैंपेनर नवीन पटनायक ने जनता में केवल एकमात्र नारा दिया- 'अगर आप मुझसे खुश हैं, तो बीजेडी को वोट करें' और पॉजिटिव रिजल्ट हासिल किया।