12 अंकों की यूनिक पहचान संख्या 'आधार' टैक्स अदा करने के मामले में आपके पैन कार्ड की जगह ले सकता है। लेकिन ऐसा कुछ समय के लिए होगा। ऐसा भारत सरकार के दो अधिकारियों का कहना है।
अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है और वे अपना आईटी रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं ऐसे लोग अपने आधार नंबर के जरिए अपना आईटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। 5 जुलाई को बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया। इसका उद्येश्य करदाता को सहूलियत प्रदान करना है। हालांकि अभी तक आईटी रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन नंबर देना जरूरी था।
123 करोड़ हिन्दुस्ताननियों के लिए आधार पहचान का एक आदर्श और अद्वितीय पहचान संख्या बच चुकी है। 130 करोड़ भारतीय नागरिकों में से अभी 123 करोड़ नागरिकों के पास आधार है। इस बार के बजट में इसे PAN के विकल्प के रूप में पेश किया गया है। आधार पैन की जगह लेगा या नहीं यह करदाताओं पर निर्भर करती है। ऐसा नाम न बताने की शर्त पर सरकार के दो अधिकारियों ने बताया।
क्या आधार कार्ड पैन की जगह ले लेगा ऐसा पूछने पर वित्तमंत्री ने जवाब दिया कि ऐसा अभी सिर्फ लोगों को सहूलियत देने के लिए किया गया है। क्योंकि लोग उनसे पूछ रहे हैँ कि उनके पास पैन नहीं है तो वे आईटी रिटर्न क्यों भरें।