
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ ने बुधवार को कहा, नवजोत सिंह सिद्धू का मामला बेहद गंभीर है। मैंने पंजाब के राज्यपाल वीपी बदनौर को इस संबंध में एक पत्र लिखा है। पंजाब में आज संवैधानिक संकट है। एक महीने से अधिक समय हो गया है कि एक मंत्री, जिसने पद की शपथ ली है, अनुपस्थित है। हालांकि, वह वेतन और भत्तों का आनंद ले रहा है।
उन्होंने पत्र में सिद्धू के ऊर्जा विभाग का कार्यभार नहीं संभालने पर गंभीर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा विभाग बदले जाने के बाद सिद्धू का कार्यभार नहीं संभालने से संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। सिद्धू द्वारा कार्यभार नहीं संभालने से राज्य की जनता को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
चुघ ने पत्र में लिखा है कि यह संभवत: पहला मौका है जब कोई मंत्री साफ तौर पर मुख्यमंत्री के आदेश को मानने से इनकार कर रहा है। अपना विभाग बदले जाने के बाद से सिद्धू अज्ञातवास में हैं। सिद्धू बिना कार्य किए सरकारी सुविधाओं का गलत ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
दूसरी ओर कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने नवजोत सिंह सिद्धू से अपने विभाग का कार्यभार संभालने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अब जिद छोड़कर सिद्धू को अपने विभाग का कार्यभार संभाल लेना चाहिए। बाजवा को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी मंत्री माना जाता है।
बता दें कि पिछले हफ्ते ही पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा समेत तीन मंत्री सिद्धू के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मिल कर आए थे। विदेश से छुट्टी मना कर लौटे तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि सिद्धू के पास ऊर्जा विभाग में काम करने के लिए बहुत मौके हैं। बाजवा से पहले आम आदमी पार्टी के पंजाब के अध्यक्ष व संगरूर के सांसद भगवंत मान और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने भी अपील की थी कि सिद्धू को विभाग की जिम्मेदारी संभाल लेनी चाहिए। मान ने कहा था कि सिद्धू को पंजाब में बिजली सस्ती करने की दिशा में काम करना चाहिए, क्योंकि पंजाब में पड़ोसी राज्यों के मुकाबले बिजली सबसे महंगी है।
विभाग बदलने के 33वें दिन भी सिद्धू ने चुप्पी साधे रखी। सिद्धू की चुप्पी पंजाब सरकार के लिए भी गुत्थी बनती जा रही है। 6 जून को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रियों के विभाग में बदलाव किया था। इसके बाद सिद्धू ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलकर शिकायत की थी। इसके बाद राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को जिम्मेदारी सौंपी थी कि वह इस मामले को हल करें।
29 जून को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अहमद पटेल से मिले थे। कैप्टन के मुलाकात के चार दिन बाद ही स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्मï मोहिंदरा की अगुआई में तीन मंत्री अहमद पटेल से मिले थे। उसके बाद कैबिनेट मंत्री की ओर से यह मांग उठाना कि सिद्धू को नया विभाग ज्वाइन कर लेना चाहिए, इसके कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं। हालांकि, बाजवा ने तब भी सिद्धू का समर्थन किया था, जब उनके खिलाफ मोहाली में पोस्टर लगे थे। इसमें सिद्धू से इस्तीफे की मांग की गई थी।