जर्मनी की सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए पहल की है। चांसलर एंजेला मर्केल के प्रशासन ने संसद में एक बिल पेश किया है। इसके तहत बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराने से पहले मातापिता के लिए उनका वैक्सीनेशन (टीकाकरण) कराना जरूरी होगा। ऐसा न होने पर अभिभावकों पर 2500 यूरो (करीब 2 लाख रुपए) तक का जुर्माना लगाया जाएगा। 


अगर संसद में यह बिल पास हो जाता है तो एडमिशन के दौरान अभिभावकों को बच्चों का वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पेश करना होगा। इसके बाद ही बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति दी जाएगी। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पाह्न के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य बच्चों को घातक बीमारियों से बचाना है। 


मीजल्स पर गंभीर सरकार

दरअसल, यूरोप में बच्चों में मीजल्स तेजी से फैल रहा है। जर्मनी में हालात चिंताजनक हैं। पिछले साल मार्च से लेकर इस साल फरवरी तक जर्मनी में मीजल्स के 651 मामले सामने आए। लेकिन इसके बाद 4 महीनों में मीजल्स के 429 मामले पाए गए। यानी जर्मनी में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। मीजल्स एक इंसान से दूसरे में हवा के जरिए भी फैलता है। बच्चों में इसकी वजह से तेज बुखार, कफ और सूजन जैसी समस्याएं आती हैं। 



इटली में भी लागू हुआ अनिवार्य टीकाकरण का कानून

इससे पहले इटली सरकार ने भी देश में टीकाकरण को अनिवार्य कर दिया गया है। प्रशासन ने माता-पिता को चेतावनी दी थी कि अगर बच्चों को टीकाकरण नहीं हुआ तो उन्हें स्कूल न भेजा जाए। अगर बिना टीकाकरण वाले बच्चे स्कूल में मिले तो उनके माता-पिता को 500 यूरो (करीब 40 हजार रुपए) जुर्माना भरना पड़ेगा।

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