गांधी परिवार से इतर मुखिया चुनने की कवायद के बीच कांग्रेस कार्यसमिति ने एक बार फिर सोनिया गांधी के नेतृत्व पर ही भरोसा जताया है। शनिवार को दो दौर में हुई मैराथन बैठकों के बाद 1998 से 2017 तक पार्टी की कमान संभालने वालीं सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष चुना गया। पार्टी नए मुखिया के चुनाव तक वही पार्टी की कमान संभालेंगी। इससे पहले सोनिया और राहुल गांधी पहले दौर की बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए थे। उनका कहना था कि वे अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं होना चाहते। ताकि किसी पर राय पर उनका प्रभाव न पड़े।
कांग्रेस कार्यसमिति में अध्यक्ष पद के लिए राहुल, फिर प्रियंका और उसके बाद सोनिया, तीनों ने एक-एक कर मना कर दिया। फिर कार्यसमिति के सदस्यों ने कहा कि आप तीनों ही कोई एक नाम तय कर दें। इस पर भी बात नहीं बनी तब सोनिया गांधी से अंतरिम अध्यक्ष बनने को कहा गया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया।
ये फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में लिया गया। इससे पहले राहुल गांधी अध्यक्ष पद छोड़ने पर अड़ गए थे। लिहाजा, कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने तीन प्रस्ताव पास किए। दो बार हुई CWC की बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किए। एक प्रस्ताव में बतौर अध्यक्ष राहुल गांधी के योगदान की सराहना की गई है, दूसरे में सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किए जाने और तीसरे प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर की स्थिति का उल्लेख है।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी की तारीफ का प्रस्ताव भी पास किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि राहुल गांधी ने बेबाकी से देश के मुद्दों को उठाया, पार्टी को नई ऊर्जा दी और कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया।