जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है उसके बाद तो एक के बाद एक नए नए फैसले आ रहे हैं जो देश हित में है। इसका सबसे बड़ा असर रेलवे में देखने को मिल रहा है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि देश में चल रही ट्रेनों की रफ्तार हमेशा चर्चा का विषय रहती है, लेकिन अब धीमी रफ्तार बीते दिनों की बात होने को है। T-18 (वर्तमान में वंदे भारत) जैसी ट्रेन आने के बाद कई ट्रैक पर तेज रफ्तार ट्रेन दौड़ेंगी। इस बीच अब दिल्ली से कानपुर जाने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। बता दें कि अगले साल से दिल्ली से कानपुर तक 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलने लगेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत बुधवार को ट्रेन-18 (वंदे भारत एक्सप्रेस) रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ए रेड्डी और उत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे जोन के ट्रैफिक के सबसे बड़े अधिकारियों ने दिल्ली से कानपुर तक रेल रूट का निरीक्षण किया। उत्तर रेलवे के चीफ पैसेंजर ट्रैफिक मैनेजर अजीत सिंह और उत्तर मध्य रेलवे के चीफ पैसेंजर ट्रैफिक मैनेजर डीके वर्मा भी वंदे भारत एक्सप्रेस के ड्राइवर कोच में बैठकर निरीक्षण करते आए और कालका मेल से दिल्ली तक विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण करते गए।

दिल्ली से हावड़ा तक 1525 किमी के रूट के अलावा कानपुर से लखनऊ तक के अतिरिक्त मार्ग को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। प्रथम चरण में दिल्ली से कानपुर के बीच तक 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाई जाएगी। मार्च से अप्रैल तक इस ट्रैक पर ट्रेन चलाने की योजना है। हालांकि यह पूरा प्रोजेक्ट 2022-23 में पूरा करने का लक्ष्य है। इस प्रोजेक्ट में कानपुर से लखनऊ का सफर 45 मिनट और दिल्ली से कानपुर का सफर साढ़े तीन घंटे में करने का लक्ष्य है। बताड़ें कि यदि ऐसा संभव हो पाया तो निश्चित रूप से रूट पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह ट्रेन वरदान से कम नही होगी। वैसे इस तरह के बदलाव देश में कई दशक के बाद देखने को मिल रहे हैं जो कि बेहतर भविष्य कि तरफ इशारा कर रहा है।