मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हनी ट्रैप के मामले में गिरफ्तार महिलाओं से जुड़े नए-नए किस्से रोज सामने आ रहे हैं। गिरोह की एक महिला ने शिकार को जाल में फंसाने के लिए स्वयं को रशियन बता अपने गोरे रंग को हथियार बना लिया। यह महिला अपने गोरे रंग को भुनाने में बेहद माहिर बताई जाती है।


सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में महिला ने बताया कि उसके गोरे रंग की वजह से अक्सर लोग उसे रशियन समझ लेते थे और इसकी वजह से उसे कई बार बेहद आलीशान होटलों और पार्टियों में ले जाते थे। उसने अपने बालों को भी ऐसे स्टाइल से कटवा लिया था, जिससे कि वह पूरी तरह से रशियन लगे। वह अपनी आंखों में नीले रंग के लेंस भी लगाती थी, जिससे वह पूरी तरह विदेशी लगे।


पार्टियों में वह अक्सर छोटे कपड़े पहन कर ही जाती थी ताकि किसी को शक न हो कि वह भारतीय है।


उसकी लाइफस्टाइल से लेकर कपड़े पहनने के तरीके तक, सबकुछ बेहद हाई प्रोफाइल रहता था। पड़ोसियों की मानें तो कई दफा उसे देख कर कॉलोनी में रहने वाले लोग भी भ्रमित हो जाते थे कि वह भारतीय है या विदेशी। लेकिन जब वह पुलिस के हत्थे चढ़ी तो जो खुलासा हुआ उससे पूरे मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया।


इस महिला के पड़ोसियों का कहना है कि जब सुबह वह कॉलोनी में मॉर्निंग वॉक या जॉगिंग के लिए निकलती थी तो सभी मिलने वालों को अंग्रेज़ी में ही गुड मार्निंग विश करती थी।


उसकी लाइफस्टाइल से लेकर कपड़े पहनने के तरीके तक, सबकुछ बेहद हाई प्रोफाइल रहता था। पड़ोसियों की मानें तो कई दफा उसे देख कर कॉलोनी में रहने वाले लोग भी भ्रमित हो जाते थे कि वह भारतीय है या विदेशी।


बता दें कि बड़े अधिकारियों, नेताओं और व्यवसायियों को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इंदौर और भोपाल की पुलिस के साथ ही एटीएस ने आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता जैन समेत चार महिलाओं को गिरफ्तार किया था. इनमें एक छात्रा भी शामिल है।


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