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दरअसल, गुजरात के सूरत में एक ऐसा क्लब है, जहां लोग सिर्फ रोने के लिए आते हैं. यहां बकायदा महफ़िल लगती है. एक-एक करके सभी फूट-फूटकर रोते हैं.
क्राइंग क्लब के नाम से चलने वाले इस क्लब का संचालन कमलेश भाई मसालावाला करते हैं. वे लोगों को रोने के लिए प्रेरित भी करते हैं. इतना ही नहीं वे कहते हैं हंसने से ज्यादा जरूरी रोना है, और वे इसकी वजह भी बताते हैं.
उनका कहना है कि रोने से शरीर हल्का हो जाता है, शरीर के अंदर से सारी बेकार चीजें आंसुओं के रूप में बाहर आ जाता है. ऐसी ही वे तमाम चीजें गिनाते हैं.
इस क्लब में लोगों की खासी भीड़ रहती है. यहां आने वाले लोग भी कहते हैं कि उन्हें रोना अच्छा लगता है. इसीलिए वे यहां आते हैं.
क्लब में आते ही लोग पहले कमलेश भाई मसालावाला को थोड़ी देर सुनते हैं, इसके बाद सब अपनी सीट पर बैठे बैठे रोने लगते हैं.
रोते समय कुछ लोग एक दूसरे को गले भी लगते हैं और वे लिपटकर रोते हैं. रोने के बाद भी वे सब एक दूसरे से मिलते हैं.
रोने के बाद भी वे सब एक दूसरे से मिलते हैं. यहां युवाओं और युवतियों की भी काफी संख्या पहुंचती है.
तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस कदर ये लोग रो रहे हैं. लोग रोज सुबह यहां आते हैं. इस क्लब का नाम हेल्थी क्राइंग क्लब है.