दुनिया के प्रदूषित शहरों में दिल्ली शीर्ष पर है। शनिवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 527 था। निजी वेदर एजेंसी स्काइमेट ने दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक, प्रदूषण वाले शहरों की सूची में कोलकाता पांचवें और मुंबई नौवें स्थान पर है। दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। कुछ दिन पहले आईक्यू एयर विजुअल ने भी राजधानी की हवा को सबसे खराब करार दिया था।



स्काइमेट ने कहा- पिछले नौ दिनों से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर है। यह पहला मौका है जब प्रदूषण इतने लंबे समय तक खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गुरुवार को दिल्ली के सभी शैक्षणिक संस्थानों और स्वच्छ ईंधन से नहीं चलने वाले उद्योगों को दो दिन तक बंद रखने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली में 13 स्थानों पर एयर प्यूरीफायर टॉवर लगाने का निर्देश दिया।



कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन स्कीम को प्रदूषण कम करने में कारगर नहीं माना। सुप्रीम कोर्ट में बतौर एक्सपर्ट पहुंचे आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर ने चीन का उदाहरण दिया जहां पर पिछले 5 साल में प्रदूषण 33% तक कम हुआ है। उन्होंने चीन की तरह ही 10  किलोमीटर के दायरे में हवा शुद्ध करने वाले प्यूरीफायर लगाने का सुझाव दिया।



एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक

एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को 0-50 के बीच ‘बेहतर’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। वहीं, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 और पीएम 2.5 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।



400 एक्यूआई में ऑक्सीजन कम हो जाती है

दिल्ली स्कूल हेल्थ स्कीम के ईस्ट डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज डॉक्टर अनूपनाथ के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं। प्रदूषण का जो स्तर है, इसमें ऑक्सीजन की कमी होती है। धीरे-धीरे इन्फेक्शन, ब्रॉनकाइटिस की बीमारी बढ़ जाती है। आंख की जलन स्मॉग के कारण बढ़ती है।


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