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नयी दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) सहित पांच कंपनियों के विनिवेश का एलान किया। इसके साथ ही इन पांचों कंपनियों के मैनेजमेंट कंट्रोल भी केंद्र सरकार ने छोड़ने का फैसला किया है। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते है कि बीपीसीएल के अलावा जिन और चार कंपनियों में विनिवेश का फैसला किया है गया है। उसमे शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, टीएचडीसीआईएल ओर नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिकल पॉवर कॉरपोरेशन का समावेश है।
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बीपीसीएल के विनिवेश से नुमालीगढ़ रिफाइनरी को अलग किया है। इसमें केंद्र सरकार विनिवेश करेगी. केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 1.05 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का टारगेट रखा हुआ है। इसके साथ ही मोदी कैबिनेट ने अन्य फैसले में 1.2 लाख टन प्याज के आयात को हरी झंडी दी है।
ज्ञात हो कि नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन में सौ फीसदी विनिवेश होगा। मोदी सरकार ने कॉनकॉर में 30.8 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।
बता दें कि केंद्र सरकार के पास रिफाइनिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में प्रबंधन नियंत्रण के साथ अपनी पूरी 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश का फैसला किया है। सबसे अहम कि इसमें नुमालीगढ़ रिफाइनरी की 61 फीसदी हिस्सेदारी का समावेश नहीं है।