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नयी दिल्ली। काफी समय से चल रहे आतंकबादी हमले पर कश्मीर में आतंकियों के सफाए के लिए पहली बार सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त कमान तैनात की जा रही है। वरिष्ठ रक्षा सूत्रों ने बताया कि सेना के विशेष बल, नौसेना के मरीन कमांडो और वायुसेना के गरुड़ विशेष बल को हाल ही में गठित सशस्त्र बल विशेष परिचालन विभाग के तहत तैनात हो चुके है।
जंहा नई रणनीति के तहत श्रीनगर के नजदीक संयुक्त विशेष टुकड़ी की तैनाती शुरू कर दी गई है। इस इलाके को परंपरागत रूप से आतंकियों का गढ़ माना जाता है। हालांकि, नौसेना और वायुसेना के विशेष बल पहले भी कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाते रहे हैं, लेकिन पहली बार तीनों को संयुक्त कमान के तहत लाया जा रहा है। सशस्त्र बल विशेष परिचालन विभाग का पहला प्रमुख मेजर जनरल अशोक धींगरा को बनाया गया है।
लोलब और हजिन में गरुड़ टीम होगी तैनात :
मिली जानकारी के अनुसार नौसेना के मार्कोस कमांडो को वुलर झील इलाके में और वायुसेना की गरुड़ टीम को लोलब और हजिन इलाके में तैनात किया गया है। वायुसेना का विशेष बल पहले भी कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ सफल ऑपरेशन कर चुका है। गौरतलब है कि हजिन इलाके में छह आतंकियों को मार गिराने के लिए जेपी निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।
इससे पहले हो चुके हैं दो अभ्यास :
यदि हम बात करें सूत्रों कि तो सशस्त्र बल विशेष परिचालन विभाग ने अलग-अलग इलाकों में दो सैन्य अभ्यास भी किया है, जिसमें सैनिकों को दुश्मनों पर हमला और उसके कब्जे वाले इलाके को अपने कब्जे में लेने का प्रशिक्षण दिया गया। इनमें पहला अभ्यास कच्छ इलाके में और दूसरा अभ्यास अंडमान और निकोबार द्वीप पर किया गया। कच्छ इलाके में हुए अभ्यास का कोडनेम एक्स स्मेलिंग फील्ड और अंडमान में हुए अभ्यास का कोडनेम डीएएनएक्स-2019 रखा गया है।