मेरठ। निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, 16 दिसंबर को सभी को फांसी दी जा सकती है। जिस जगह पर फांसी देनी है, वहां साफ़-सफाई का काम भी शुरू हो गया है। बता दें कि एक दोषी विनय शर्मा की तरफ से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दाखिल की गई दया याचिका को गृह मंत्रालय ने नामंजूर करने की सिफारिश की है।
गौरतलब है कि हैदराबाद की डॉक्टर बिटिया के साथ गैंगरेप और फिर जलाकर हत्या का मामला सामने आने के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी देने की मांग ने जोर पकड़ ली है। इस बीच, खबर है कि मामले के दोषी पवन को मंडोली जेल से तिहाड़ शिफ्ट किया गया है।
एक दोषी की हो चुकी है मौत
बता दें कि निर्भया गैंगरेप मामले में में छह दोषियों में से एक की जेल में ही मौत हो चुकी है, जबकि एक नाबालिग दोषी सजा काटकर जेल से बाहर आ चुका है। बचे चार दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। इस वजह से उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
उम्मीद है कि गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति जल्द ही दया याचिका पर फैसला लेंगे। ऐसे में अगर निर्भया कांड के गुनहगारों को फांसी हुई तो माना जा रहा है कि मेरठ के पवन जल्लाद को ही इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर पवन से इसके लिए संपर्क नहीं किया गया है।
पवन जल्लाद ने भी उठाई फांसी देने की मांग
पवन जल्लाद ने निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देने की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि ऐसे जघन्य कांड के गुनहगारों को फांसी ही देनी चाहिए, ताकि दूसरे अपराधी भी इसको देखकर डर जाएं। उनके मन में भी ऐसा अपराध करने से पहले फांसी का खौफ रहे।
फांसी से पहले किया जाता है ट्रायल
पवन जल्लाद ने बताया कि फांसी से पहले ट्रायल होता है, ताकि फांसी देते समय कोई गलती न हो। फांसी के फंदे से कोई भी अपराधी बिना मरे वापस न आ सके। उन्होंने मांग की है कि निर्भया कांड के आरोपियों को कोर्ट फांसी दे और उन्हें फांसी देने का मौका दिया जाए।