नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसकी आग देशभर के 22 कैम्पस में लगी हुई है. छात्र और छात्राएं जमकर इस कानून का प्रदर्शन कर रहे हैं.

 

 

इस मैप के माध्यम से साफ देखा जा सकता है कि CAA के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी दिल्ली स्थित के पांच बड़े कैम्पस सहित कुल मिलाकर देश भर के 22 विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में प्रदर्शन हो रहा है. 

 

 

दिल्ली के जेएनयू, जामिया मिलिया इस्लामिया, मौलाना आज़ाद, दिल्ली विश्वविद्यालय और आंबेडकर विश्विद्यालय में प्रदर्शन हुआ.

 

 

इसके अलावा मुंबई के तीन कैम्पस, टीआईएसएस, आईआईटी बॉम्बे और मुंबई विश्विद्यालय में प्रदर्शन हुआ. वहीं चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में भी प्रदर्शन हुआ. 

 

 

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित दारुल उलूम नदवातुल उलामा में और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सोमवार सुबह विरोध प्रदर्शन हुआ.

 

 

उधर पटना विश्वविद्यालय, गुवाहाटी विश्वविद्यालय और कोलकाता के दो कैम्पस, जादवपुर विश्वविद्यालय और आलिया विश्वविद्यालय में भी प्रदर्शन हुआ है.  

 

 

दक्षिण भारत की बात करें तो, हैदराबाद की मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, बेंगलूरु की जैन यूनिवर्सिटी और भारतीय विज्ञान संस्थान में प्रदर्शन हुए.  

 

 

 

इसके अलावा चेन्नई स्थित आईआईटी मद्रास, मलप्पुरम की कालीकट यूनिवर्सिटी और पांडिचेरी विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला.

 

 


नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन ने तब तूल पकड़ा जब दिल्ली में रविवार को जामिया के छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो उठा और यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ के अलावा प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों में भी आग लगा दी.  आग बुझाने के लिए दमकल की 4 गाड़ियां मौके पर पहुंची थीं. बसों में लगी आग बुझाने के दौरान ही प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों पर हमला कर दिया.

 

 

मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उठा. चीफ जस्टिस ने इस मामले में सख्ती बरती और कहा कि छात्र होना आपको इस प्रकार हिंसा का अधिकार नहीं देता है

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