नयी दिल्ली। काफी समय से नागरिकता कानून को लेकर देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की मांग की है। जंहा वह कहते है कि नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसक प्रदर्शन करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जंहा चर्चा और विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को हानि पहुंचाना सही नहीं है।  इस कानून से किसी भी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है। इसपर उन्होंने लगातार 5 ट्वीट किए।

 

पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम पर हिंसक विरोध बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद हैं। बहस, चर्चा और असंतोष लोकतंत्र के आवश्यक अंग हैं लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सामान्य जीवन में अशांति फैलाना हमारे स्वभाव का हिस्सा नहीं है।'

 

अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून, 2019 को संसद के दोनों सदनों ने भारी समर्थन से पास किया है। बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इसके लागू होने के लिए समर्थन किया है। यह अधिनियम भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की स्वीकृति, सद्भाव, करुणा और भाईचारे को दर्शाता है।'

 

जिसके बाद उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मैं अपने साथी भारतीयों को स्पष्ट रूप से आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता कानून भारत के किसी नागरिक या किसी धर्म को प्रभावित नहीं करता है। किसी भी भारतीय को इस कानून को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें बाहर अत्याचार का सामना करना पड़ा और जिनके पास भारत को छोड़कर कोई और जगह नहीं है।'

 

फिर उन्होंने ट्वीट में कहा कि, 'समय की मांग यह है कि हम सभी को साथ मिलकर देश के विकास और हर भारतीय को सशक्त बनाने के लिए काम करना चाहिए। खासतौर से गरीब, दलित और हाशिए पर पहुंचे हुए लोगों के लिए। हम निहित स्वार्थी समूहों को हमें विभाजित करने और अशांति पैदा करने की अनुमति नहीं दे सकते।'

 

आखिरी ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि, 'यह शांति, एकता और भाईचारा बनाए रखने का समय है। मेरी आप सभी से अपील है कि हर तरह की अफवाह फैलाने वालों और झूठ से दूर रहें।'

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