मुंबई हमले के मुख्य आरोपी हाफिज सईद एवं पाक में छिपे कई आतंकियों की वास्तविक लोकेशन पता करना और उसे मार गिराने में सेना को अब ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। कारण ये है कि भारतीय कंपनी ने जर्मन कंपनी की मदद से ‘वेक्टर ड्रोन’ नाम का एक ऐसा ड्रोन तैयार कर लिया है जो न सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी से थर्मल इमेजिंग के माध्यम से आतंकियों की लोकेशन का पता लगाएगा, बल्कि आतंकियों पर हमला भी कर सकता है। देहरादून में जीएमएस रोड स्थित एक होटल में आईएनसीए (भारतीय राष्ट्रीय कार्टोग्राफी संघ) की ओर से आयोजित तीन दिवसीय 39वें अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस के दूसरे दिन ‘वेक्टर ड्रोन’ नामक अत्याधुनिक ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। 


आतंकियों के मोबाइल फोन को भी बंद कर सकता है
इसे बनाने वाली कंपनी ‘अंसारी प्रेसीशन इन्स्ट्रूमेंट’ के निदेशक साजिद अंसारी ने बताया कि जर्मन तकनीक पर बने इन ड्रोन के माध्यम से आतंकियों की थर्मल इमेजिंग के जरिए शिनाख्त की जा सकती है। उनकी संख्या का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। साथ ही इसके जरिए आतंकियों के मोबाइल फोन को भी बंद किया जा सकता है। इसमें लगे जैमर के जरिए मोबाइल फोन को पूरी तरह लॉक किया जा सकता है।

बेहद कम ऊंचाई पर उड़ने वाले इस ड्रोन को स्टील्थ विमानों की तर्ज पर बनाए गया है। जो किसी भी रडार की पकड़ से बाहर हैं। ‘वेक्टर ड्रोन’ में जिन आतंकियों की फोटो अपलोड कर दी जाएगी, उसे देखने के साथ ही ड्रोन वहीं उड़ान भरता रहेगा।


मैपिंग करने में होगा मददगार
इससे इस बात का पता लगेगा कि कौन आतंकी कहां छिपा है? अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस की प्रदर्शनी में ‘ट्रिनिटी टोन प्लस’ को भी दर्शाया गया। इसका इस्तेमाल सर्वे ऑफ  इंडिया की ओर से मैपिंग करने में किया जा रहा है। प्रदर्शनी में ‘ट्रिनिटी टोन प्लस’ को भी रखा गया है जो पांच वर्ग किमी क्षेत्र की मैपिंग एक घंटे में पूरी कर सकता है। जहां तक कीमतों का सवाल है तो ‘वेक्टर ड्रोन’ की कीमत ढाई करोड़ रुपये है।

 

जबकि ‘ट्रिनिटी टोन प्लस’ की कीमत 30 लाख रुपये है। निर्देशक साजिद अंसारी के मुताबिक ‘वेक्टर ड्रोन’ एक बार की उड़ान में 10 वर्ग किलोमीटर की मैपिंग कर सकता है।

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