नयी दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को कहा कि किसी की भारतीयता साबित करने के लिए किसी को भी सबूत मांगने की इजाजत नहीं है। प्रियंका गांधी रविवार को बिजनौर में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मारे गए अनस और सुलेमान के परिजनों से मिलने पहुंची थी।

 

इस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी हूं। मैं हर उस परिवार के साथ हूं, जिसके साथ गलत हुआ है। सभी गरीब मजदूर और गृहस्थ थे। उनके छोटे बच्चे हैं, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।’’ कांग्रेस महासचिव ने इस घटना की जांच की मांग की है। प्रदर्शन में कई सारे लोग मारे गए हैं। कई अस्पताल में है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोई भी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं आया। कोई उनकी सुनने वाला नहीं है। दुख की इस घड़ी में उनका समर्थन करें।

 

प्रियंका ने कहा- सरकार द्वारा लाए गए कानून की आज बिल्कुल जरूरत नहीं है। चारों ओर बेरोजगारी है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। इन समस्याओं का समाधान करने की बजाय भाजपा सरकार प्रत्येक भारतीय से यह साबित करने के लिए कह रही है कि आप एक भारतीय हैं। यह कानून गरीब विरोधी है। बस्तियों में रहने वाले लोग 1971 से पहले के दस्तावेज कैसे प्रदान करेंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार लोगों की समस्याओं को सुनना नहीं चाहती है। लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा। वे सरकार से अपनी समस्याओं को साझा करने से डरते हैं।

 

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, राज्य के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की। इस दौरान 15 लोगों की मौत हो गई। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कुल 135 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

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