![](https://www.indiaherald.com/cdn-cgi/image/width=750/imagestore/images/politics/politics_latestnews/after-all-who-is-the-hindu-leader-ranjit-bachchan-who-created-three-marriages-who-are-the-three-wives-there-are-two-misdemeanor-casesdedb05f7-188a-425e-b2f0-481bde81df89-415x250.jpg)
विश्व हिंदू महासभा के अध्यक्ष रणजीत बच्चन ने तीन शादियां की थी। रणजीत ने पहली शादी स्मृति से काफी पहले परिवार के लोगों के कहने पर की थी। बाद में पहली पत्नी से नाता तोड़ लिया। वर्ष 2002 से 2009 के बीच साइकिल यात्रा के दौरान उनके साथ रहीं कुशीनगर की कालिंदी शर्मा से दूसरी शादी की। कुछ साल पहले लखनऊ में एक अधिकारी की बेटी निर्मला श्रीवास्तव से तीसरी शादी रचा ली। शुरू में कालिंदी शर्मा और निर्मला श्रीवास्तव के बीच काफी विवाद हुआ था, लेकिन बाद में दोनों के बीच सहमति बन गई और साथ रहने लगीं।
दुष्कर्म के दो मामलों में भी फंसे थे रणजीत
गोरखपुर पुलिस अहिरौली स्थित पैतृक आवास पहुंच कर भी जानकारी जुटा रही है। पुलिस के मुताबिक रणजीत बच्चन ने तीन शादियां की थीं। एक पत्नी ने रणजीत के खिलाफ गोरखपुर के महिला थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया था। इसके अलावा शाहपुर थानाक्षेत्र में असुरन की रहने वाली एक अन्य महिला ने भी दुष्कर्म, छेड़खानी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। दोनों मुकदमे दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसके कथिक वृद्धाश्रम का बोर्ड भी उखाड़ दिया था।
दूरदर्शन और भारतेंदु नाट्य एकेडमी के कलाकार भी थे रणजीत
विश्व हिंदू महासभा के अध्यक्ष रणजीत बच्चन भारतेंदु नाट्य एकेडमी ग्रेडेड आर्टिस्ट 2010 से एवं आल इंडिया दूरदर्शन ड्रामा आर्टिस्ट वर्ष 2000 से थे। वर्तमान में गुलरहिया के टोला पतरका में निवास करते थे। लगभग 18 वर्ष सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रहे। भारत, भूटान साइकिल यात्रा में दल नायक रहे। उनका नाम लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हुआ। उन्होंने भारतीय सोशल वेलफेयर फाउंडेशन गोरखपुर की स्थापना की थी।
कौशल्या आश्रम, वृद्धा एवं अनाथ आश्रम गोरखपुर की स्थापना की। जापानी इंसेफेलाइटिस एवं मतदाता जागरूकता के लिए अभियान भी चलाया था। महापुरुषों की प्रतिमा का सफाई अभियान, पल्स पोलियो अभियान के साथ समाज के अति पिछड़े, गरीब शोषित के हक के लिए संघर्ष भी करते रहे। भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गोरखपुर पत्रकार एसोसिएशन के सदस्य भी रहे थे। कला में उनकी खासी रुचि थी।
सपा सरकार में थी अच्छी पैठ, फिर बने थे हिंदू नेता
प्रदेश में सपा की सरकार रहने के दौरान रणजीत बच्चन का नाम अखिलेश यादव के करीबियों में शामिल हो गया था। प्रदेश के अलग-अलग हिस्से में साइकिल यात्रा भी लेकर निकले थे। गोरखपुर के सपा नेता भी रणजीत के पास जाकर दरबार लगाते थे। अफसर भी उन्हें अलग से तवज्जो दिया करते थे। मगर सरकार बदलने के बाद ही वह हिंदूवादी नेता हो गए।