भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खराब वित्तीय स्वास्थ्य और बढ़ते कर्ज को देखते हुए सीकेपी सहकारी बैंक (CKP Cooperative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया।  दरअसल, RBI ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच सीकेपी सहकारी बैंक के ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. RBI के इस फैसले से सीकेपी बैंक (CKP Bank) के तकरीबन 11500 जमाकर्ताओं-निवेशकों के साथ करीब सवा लाख खाता धारकों की मुसीबत बढ़ गई है. लाइसेंस रद्द होने की वजह से बैंक का 485 करोड़ रुपए का फिक्स डिपोजिट भी अटक गया है. इस बैंक का मुख्यालय मुंबई के दादर में स्थित है.

 

बैंक के नेट वर्थ में भारी गिरावट और बैंक का घाटा बढ़ने की वजह से साल 2014 में बैंक के लेन-देन पर पाबंदी लगाई गई थी. हालांकि लेन-देन पर पाबंदी लगाए जाने के बाद से कई बार बैंक के घाटे को कम करने की कोशिश भी की गई. इन तमाम कोशिशों के कुछ हद तक सकारात्मक नतीजे भी दिखाई देने लगे थे, लेकिन अब आरबीआई ने इस बैंक के लाइसेंस को कैंसल करके खाता धारकों और निवेशकों को बड़ा झटका दिया है. 

 

साल 2014 से आरबीआई की तरफ लगातार सीकेपी बैंक पर लागू प्रतिबंध की अवधि को बढ़ाई जा रही थी. 31 मार्च को प्रतिबंध की अवधि को बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया था, लेकिन यह अवधि पूरी हो इससे पहले ही आरबीआई ने बैंक के लाइसेंस को कैंसल कर दिया है.

 


खबरों के अनुसार, सीकेपी सहकारी बैंक के नेट वर्थ में लगातार जारी गिरावट के कारण ही आरबीआई ने इसके लाइसेंस को रद्द करने का फैसला किया. बताया जाता है कि साल 2016 में सीकेपी बैंक का नेटवर्थ 146 करोड़ रुपए था, जब अब 230 करोड़ रुपए हो गया है. हालांकि बैंक को ऑपरेशनल मुनाफा हो रहा था, लेकिन नेट वर्थ में जारी गिरावट को लाइसेंस रद्द होने का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है.

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