एक व्यक्ति ने वित्तीय संकट से निपटने के लिए एक गुप्तचर की सलाह पर अपने 5 बच्चों की कथित तौर पर हत्या कर दी। आदमी ने 5 साल की अवधि में अपने सभी बच्चों को मारने की बात कबूल की। हाल ही में, आदमी ने अपनी दो बेटियों को मौत के घाट उतार दिया था।

 

अपने गांव के सामने अपराध कबूल करने के बाद गुरुवार रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। 20 जुलाई को पुलिस ने आरोपी की बेटियों के शव बरामद किए थे।


जींद पुलिस ने 20 जुलाई को उन दो लड़कियों का शव हांसी-बुटाना लिंक नहर से 15 जुलाई को बरामद किया था, जो 15 जुलाई को दिदवाड़ा गांव से गायब हो गई थीं। बच्चियों के गायब होने के बाद उसके पिता जुम्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी। जुम्मा मजदूरी करता है और उसकी पत्नी छठे बच्चे के साथ गर्भवती है।


38 वर्षीय आरोपी जुम्मा ने हाल ही में एक अख़बार के माद्यम से बताया था कि उसने पांच साल में अपने पांच बच्चे खोए हैं। पांच साल पहले सोते समय उसके बेटे की मौत हो गई थी। इसके दो साल बाद एक बेटी खेलते वक्त मर गई। उसके कुछ महीने बाद ही एक और बेटे को अचानक उल्टियां हुईं और वह भी मर गया।

 

जुम्मा ने यह भी कहा था कि वह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई चाहता है। हैरानी की बात है कि आरोपी ने अपने किसी भी बच्चे की मौत के बाद उसका पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया। अडिशनल एसपी अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि लापता होने का केस दर्ज हुआ था लेकिन शव बरामद होने के बाद हमें शक हुआ और हत्या का केस दर्ज हुआ।

 

कथित तौर पर जुम्मा ने ही अपनी बेटियों को कोई दवा देकर गहरी नींद में सुला दिया और नहर में फेंक आया।


जानकारी के मुताबिक, जुम्मा ने ही अपने कुछ पड़ोसियों से अपने अपराध का जिक्र करते हुए अफसोस जताया था। उसके पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जुम्मा ने एक बार फिर से अपना अपराध लगभग 30 लोगों के सामने स्वीकारा और पुलिस बुलाई गई। उसने कहा कि गरीबी के चलते उसने ऐसा किया। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

 

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