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सबसे खराब स्थिति में कोरोनावायरस की स्थिति पर करीब से नजर रखने वाले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह आर्थिक चिंताओं को दूर करने के लिए राज्य में तालाबंदी को हटाने की जल्दी में नहीं है।
उन्होंने कहा, "मैं कभी नहीं कहूंगा कि लॉकडाउन को पूरी तरह से हटाया जाएगा. लेकिन मैंने कुछ चीजों को धीरे-धीरे फिर से खोलना शुरू कर दिया है. एक बार फिर से खुलने पर इसे दोबारा बंद नहीं किया जाना चाहिए. इसलिए मैं चरणबद्ध तरीके से कदम उठाना चाहता हूं, आप सिर्फ अर्थव्यवस्था या स्वास्थ्य के बारे में ही नहीं सोच सकते. दोनों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है.'' ठाकरे ने शनिवार को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' में प्रकाशित एक साक्षात्कार में यह बयान दिया.
राज्य में लागू लॉकडाउन 31 जुलाई तक चलेगा. जून के बाद से सरकार ने अपनी ‘मिशन बिगिन अगेन' पहल के तहत चरणबद्ध तरीके से पाबंदियां हटानी शुरू कर दी थीं. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह महामारी एक वैश्विक युद्ध है. इसने पूरी दुनिया पर असर डाला है. जिन देशों ने यह सोचकर जल्दबाजी में लॉकडाउन हटा दिया था कि यह बीमारी खत्म हो गई है वे इसे फैलने से रोकने के लिए फिर से पाबंदियां लगाने पर मजबूर हैं. ऑस्ट्रेलिया में उन्हें सेना की सहायता लेनी पड़ी.'' उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग लॉकडाउन का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है. ऐसे लोगों से मैं कहना चाहूंगा कि मैं लॉकडाउन हटाने के लिए तैयार हूं लेकिन अगर इसकी वजह से लोगों की मौत हुई तो क्या आप जिम्मेदारी लेंगे? हम भी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित हैं.''