गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा, "दिल्ली सरकार ने COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए घाटों के पास सामुदायिक छठ पूजा समारोह पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।"

छठ पूजा 20 नवंबर से शुरू होगी। हर साल, छठ पर भारी भीड़ पूजा स्थलों पर होती है इनमें ज्यादातर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग यमुना के किनारे, तटबंध क्षेत्रों और खुले स्थानों के साथ सड़कों पर उगते सूरज की पूजा करने के लिए आते हैं। सरकार आमतौर पर चिकित्सा दल और सुरक्षा कर्मियों को तैनात करके रोशनी, कपड़े बदलने के कमरे और शौचालय आदि की व्यवस्था करके पूजा करने वालों की सुविधा का ध्यान रखती है।

लेकिन इस वर्ष, 28 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए घाटों पर सामुदायिक छठ पूजा उत्सव पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। सरकार के आदेश के अनुसार,“सरकार ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस के डीडीसी और सभी संबंधित अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि राष्ट्रीय राजधानी में नवंबर के सार्वजनिक स्थानों/नदी के किनारों/मंदिरों आदि में छठ पूजा का आयोजन ना हो।” दिल्ली में प्रदूषण की वजह से पटाखों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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