सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित किया जाए। अदालत ने अंसारी को पंजाब की रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में स्थानांतरित करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।

जस्टिस अशोक भूषण और आरएस रेड्डी की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर फैसला सुनाया और पंजाब सरकार और रूपनगर जेल प्राधिकरण को अंसारी की हिरासत में तुरंत जिला जेल बांदा को सौंपने की मांग की। अंसारी मऊ विधानसभा से बसपा के विधायक हैं।

4 मार्च को पंजाब सरकार द्वारा शीर्ष अदालत को बताया गया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को उत्तर प्रदेश के बांदा की जिला जेल से रूपनगर जेल से अंसारी का स्थानांतरण करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है।

अंसारी जनवरी 2019 से एक कथित जबरन वसूली के मामले में पंजाब की जिला जेल रूपनगर में बंद है। वह उत्तर प्रदेश में दर्ज जघन्य अपराधों के कई मामलों में भी आरोपी है।

इससे पहले कोर्ट ने दो ट्रांसफर याचिकाओं को सीज कर लिया था, जिनमें से एक यूपी सरकार द्वारा अंसारी को पंजाब से यूपी ट्रांसफर करने को लेकर दायर की गई थी वहीं में दूसरी अंसारी ने अपने खिलाफ दर्ज केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी की याचिका को खारिज कर दिया।

मऊ सदर सीट से विधायक अंसारी यूपी की एक जेल में बंद था और उसके केस का ट्रायल चल रहा था। इसी बीच पंजाब पुलिस ने जबरन वसूली और आपराधिक धमकी की शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट हासिल किया और उसे पंजाब ले गई। बता दें कि गैंगस्टर को लेकर यूपी और पंजाब सरकारों के बीच जंग छिड़ी हुई थी।

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