सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एनटीए एनईईटी-यूजी परिणामों की घोषणा कर सकता है। साथ ही बेंच ने कहा कि दो छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दे की जांच की जा सकती है, लेकिन इसके कारण 16 लाख छात्रों के परिणाम को रोका नहीं जा सकता है।
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनटीए को परिणाम घोषित न करने के लिए कहा था, क्योंकि दो उम्मीदवारों ने यह दावा किया था कि 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के दौरान उनकी परीक्षा पुस्तिकाएं और ओएमआर शीट मिश्रित हो गई थीं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में एनटीए को शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के लिए दो याचिकाकर्ताओं की नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने और हफ्तों के भीतर परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए थे।
बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले को एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अपनी याचिका में एनटीए ने कहा था कि उच्च न्यायालय के आदेश के कारण 16 लाख से अधिक छात्रों के परिणाम घोषित करने में देरी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया।