एक नए नियम के तहत, अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) सार्वजनिक स्थानों पर मांसाहारी भोजन बेचने वाले रेहड़ी-पटरी वालों पर नकेल कसना शुरू करेगा। सोमवार को एएमसी की टाउन प्लानिंग (टीपी) समिति ने सार्वजनिक क्षेत्रों को मांसाहारी खाद्य पदार्थ बेचने वाले रेहड़ी-पटरी वालों से मुक्त करने का निर्णय लिया।

एएमसी की टीपी कमेटी के अध्यक्ष देवांग दानी ने बताया, मंगलवार सुबह से चेकिंग करने और मुख्य सड़कों से अंडा और मांसाहारी सड़क गाड़ियां हटाने के लिए संपत्ति विभाग को आदेश जारी किए गए हैं। कल सुबह से इन्हें हटा दिया जाएगा। साथ ही धार्मिक स्थलों, उद्यानों, सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों और कॉलेजों के 100 मीटर के दायरे में इन पर प्रतिबंध है।

प्रारंभ में, वडोदरा और राजकोट के नागरिक निकायों ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि सड़क पर बेचा जाने वाला मांसाहारी भोजन हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करता है। उन्होंने कहा कि इन स्टालों से निकलने वाला धुआं स्वास्थ्य के लिए खतरा है।

राजकोट के मेयर प्रदीप दाव ने मंगलवार को इस संबंध में एक अभियान शुरू किया। गुरुवार को वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेंद्र पटेल ने नगर निकाय को 15 दिनों के भीतर सभी मांसाहारी खाद्य स्टालों को सड़क से हटाने का निर्देश दिया। वीएमसी में विपक्ष के नेता अमी रावत ने कहा, कोई भी राजनीतिक दल या सरकार यह तय नहीं कर सकती कि किसे क्या और कहां खाना चाहिए।

अधिकारियों के अनुसार, वे उन क्षेत्रों में प्रतिबंध लगा रहे हैं जहां उन्हें शिकायत मिली है। मेयर प्रदीप दाव ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद उन्होंने अभियान शुरू किया। मेयर के अनुसार इन स्टालों से गुजरते समय मांसाहारी भोजन की गंध से कई लोगों को मिचली आ रही थी। इन शिकायतों के बाद ही अधिकारियों ने मांसाहारी भोजन की सार्वजनिक बिक्री के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी।

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