8 दिसंबर को एक सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनका अंतिम संस्कार उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ किया गया, जिनकी भी दुर्घटना में जान चली गई थी। उनकी बेटियों कृतिका और तारिणी ने उनका अंतिम संस्कार किया।

जब तक सूरज चंद रहेगा बिपिन जी का नाम रहेगा के नारों के बीच, 8 दिसंबर को एक सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के पार्थिव शरीर को दिल्ली के बरार स्क्वायर श्मशान में लाया गया है। छावनी जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

 बिपिन जी की पार्थिव शरीर फूलों से लदी तोपों की गाड़ी बरार स्क्वायर श्मशान घाट पहुंची। दाह संस्कार में करीब 800 सैन्यकर्मी शामिल हुए। जनरल रावत, जो भारत के पहले सीडीएस थे, को प्रोटोकॉल के अनुरूप 17 तोपों की सलामी दी गई। श्मशान घाट की ओर बढ़ते ही कई लोग अंतिम संस्कार में शामिल हो गए। लोग सड़क के किनारे बैनर और राष्ट्रीय झंडों के साथ खड़े थे।

इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, मनसुख मंडाविया, स्मृति ईरानी, नरेंद्र सिंह तोमर और सर्बानंद सोनोवाल जनरल बिपिन रावत के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और हरीश सिंह रावत, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और द्रमुक नेताओं ए राजा और कनिमोझी जैसे कई राजनीतिक नेताओं ने  सीडीएस और उनकी पत्नी की पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया।

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