हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुड़गांव में खुले स्थानों पर जुमे की नमाज अदा करने पर कई हिंदू संगठनों द्वारा आपत्ति जताने पर शुक्रवार को सार्वजनिक नमाज को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया और कहा कि खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन के कुछ स्थानों को खुले स्थानों पर पूजा करने के लिए आरक्षित करने के पूर्व के फैसले को वापस ले लिया गया है और राज्य सरकार अब इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेगी।

कई लोगों की आपत्तियों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने गुड़गांव में संवाददाताओं से कहा, यहां (गुड़गांव) खुली जगहों पर नमाज अदा करने की प्रथा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खट्टर ने कहा, सभी को सुविधा मिलनी चाहिए (प्रार्थना करने के लिए), लेकिन किसी को भी दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।

खुले स्थानों पर नमाज के लिए कुछ स्थान निर्धारित करने के जिला प्रशासन के फैसले को वापस लेने पर उन्होंने कहा, हमने पुलिस और उपायुक्त से कहा है कि इस मुद्दे को सुलझाना होगा, अगर कोई अपने धार्मिक स्थल पर नमाज अदा करता है, पूजा पाठ करता है तो हम उस पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, धार्मिक स्थल इसी मकसद से बनाए जाते हैं कि लोग वहां जाएं और पूजा-अर्चना करें। इस तरह के कार्यक्रम खुले में नहीं होने चाहिए।


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