बनर्जी ने यह भी कहा कि झांकी की अस्वीकृति के लिए कोई कारण नहीं बताया गया, एक निर्णय, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे लोगों को दर्द हुआ। बनर्जी ने मोदी को दो पन्नों के पत्र में कहा, मैं भारत सरकार के आगामी गणतंत्र दिवस परेड से पश्चिम बंगाल सरकार की प्रस्तावित झांकी को अचानक बाहर करने के फैसले से स्तब्ध और आहत हूं।
उन्होंने लिखा, यह हमारे लिए और भी चौंकाने वाली बात है कि झांकी को बिना कोई कारण या औचित्य बताए खारिज कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनके आईएनए के 125वें जयंती वर्ष पर उनके योगदान की स्मृति में थी। मैं आपको बताना चाहती हूं कि केंद्र सरकार के इस रवैये से पश्चिम बंगाल के सभी लोग बहुत आहत हैं। जानकर हैरानी होती है कि हमारे स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष पर गणतंत्र दिवस के अवसर को मनाने के लिए देश के समारोह में इसके बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को कोई स्थान नहीं मिलता है।
बनर्जी ने कहा, मैं आपसे इस फैसले पर पुनर्विचार करने और हमारी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष पर गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों की झांकी को शामिल करने का आग्रह करती हूं। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर झांकी हटाए जाने पर हैरानी जताते हुए कांग्रेस पार्टी ने भी उनका साथ दिया।