महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की। बैठक बंद दरवाजों के पीछे आयोजित की गई थी और इसमें राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और अर्जुन राम मेघवाल और राज्य पार्टी इकाई के प्रमुख सतीश पूनिया शामिल थे। भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और राज्य इकाई के संगठन सचिव चंद्रशेखर भी नड्डा के आवास पर हुई बैठक में शामिल हुए।
चर्चा कितनी गंभीर थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बैठक चार घंटे से ज्यादा चली। सूत्रों ने कहा कि राज्य इकाई को स्पष्ट रूप से समूहवाद में शामिल न होने और एकजुट होकर काम करने के लिए कहा गया था ताकि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी की जीत सुनिश्चित की जा सके। राजस्थान भाजपा के नेताओं को मंगलवार की बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं से जुड़े सार्वजनिक भ्रष्टाचार के मामलों के संज्ञान में लाने और कृषि ऋण माफी, बेरोजगारी और अराजकता के मामलों को उजागर करने के लिए भी कहा गया था।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने एक बार फिर राज्य इकाई को लड़ाई की सामूहिक प्रकृति पर दोहराते हुए कहा कि राज्य में सभी मुद्दों पर पार्टी का रुख एक जैसा और एक समान होना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि पार्टी का एक वर्ग दूसरे तबके के विरोधाभासी संदेश दे रहा हो। उन्होंने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर नेताओं का लहजा एक जैसा होना चाहिए।