
एनसीपी के वरिष्ठ नेता देशमुख और मलिक, दोनों मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के सिलसिले में जेल में हैं। देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने मलिक को इस साल 23 फरवरी को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
अदालत ने सभी पक्षों की व्यापक दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को मलिक और देशमुख को अस्थायी जमानत देने से इनकार कर दिया। ईडी ने उनकी याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत कैदियों को मतदान का अधिकार नहीं है। यह झटका राज्यसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले आया है, क्योंकि शिवसेना के नेतृत्व वाले एमवीए के लिए हर वोट महत्वपूर्ण है, जिसमें से एनसीपी एक घटक है, शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार- संजय पवार- को निर्वाचित करने के लिए।
सत्तारूढ़ शिवसेना ने दो उम्मीदवार खड़े किए हैं, उसके एमवीए सहयोगी राकांपा और कांग्रेस ने एक-एक को उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्षी भाजपा ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं। मुकाबला भाजपा के धनंजय महादिक और शिवसेना के संजय पवार के बीच है।