फडणवीस ने यह भी स्वीकार किया कि वह डिप्टी सीएम का पद संभालने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद अपना निर्णय बदल दिया। फडणवीस ने कहा कि भाजपा नेतृत्व का मानना है कि उन्हें सरकार का हिस्सा होना चाहिए क्योंकि अतिरिक्त-संवैधानिक प्राधिकरण के माध्यम से सरकार चलाना सही नहीं था।
यहां संवाददाताओं से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 2019 का चुनाव जीता था, लेकिन जनादेश चोरी हो गया। इसलिए उनकी पार्टी और शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट सत्ता के लिए नहीं बल्कि एक समान विचारधारा के लिए एक साथ आए।