उत्तर प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल कोई अन्य दस्तावेज नहीं है, बल्कि एक रोडमैप है जो हमारी शिक्षा प्रणाली को आकार देता है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमारी शिक्षा को 21वीं सदी के आधुनिक से जोड़ने की आवश्यकता बढ़ रही है।

पीएम मोदी उत्तर प्रदेश में तीन दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का मूल उद्देश्य शिक्षा को संकीर्ण विचार प्रक्रिया से बाहर लाना और इसे भविष्य के विचारों और विचारों के साथ एकीकृत करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें न केवल डिग्री धारकों को तैयार करना चाहिए बल्कि मानव संसाधन को भी इस तरह विकसित करना चाहिए जिससे देश भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सके।

मुझे विश्वास है कि भारत जल्द ही शिक्षा के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरेगा। इसके लिए हम विश्व स्तरीय संस्थान बना रहे हैं जो युवाओं के लिए अवसर पैदा करने में मदद करेंगे। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि एनईपी फाइलों में सिर्फ एक और दस्तावेज नहीं है, बल्कि एक रोडमैप है जो हमारी शिक्षा प्रणाली का मार्गदर्शन करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में, जो क्षेत्र और अवसर पहले सभी के लिए नहीं थे, अब सभी के लिए खोले जा रहे हैं। कई हाशिए के समूह अब अभूतपूर्व अवसरों का आनंद ले रहे हैं।

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