
उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी अदालत केवल विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के लिए नहीं होनी चाहिए और न्याय के दरवाजे सभी के लिए समान रूप से खुले होने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में तर्क और निर्णय अंग्रेजी में होते हैं। लेकिन हमारी दृष्टि है कि उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में, क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, रिजिजू ने जयपुर में 18वें अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के उद्घाटन सत्र में कहा।
उन्होंने कहा कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान करीब 71 अधिनियमों को निरस्त किया जाएगा। देश में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामले 5 करोड़ होने जा रहे हैं लेकिन न्यायपालिका और सरकार के बीच समन्वय से लंबित मामलों को कम किया जा सकता है।