पुतिन के साथ बात करते हुए मोदी ने कहा कि आज की दुनिया युद्ध के लिए नहीं है, जबकि सभी देशों के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता बातचीत है। आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी चिंता है, खासकर विकासशील देशों में, खाद्य सुरक्षा, ईंधन सुरक्षा, उर्वरक है। हमें इन समस्याओं के रास्ते तलाशने होंगे और आपको भी इस पर विचार करना होगा। हमें इन मुद्दों पर बात करने का अवसर मिलेगा। मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में शत्रुता को जल्द समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति की आवश्यकता के लिए अपने आह्वान को दोहराया। अपनी ओर से, पुतिन ने मोदी से कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष पर भारत की चिंताओं से अवगत हैं और रूस इसे जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन ने वार्ता प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार कर दिया है और वह सैन्य रूप से युद्ध के मैदान पर अपने उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहता है।