जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी जाति के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाने के बाद माफी मांगने से इनकार कर दिया और यहां तक कि आरोप लगाया कि पीएम ने उनके गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान उनकी जाति को ओबीसी सूची में जोड़ा।

किस बात के लिए क्षमा मांगू? मैंने कौन से गलत शब्द का प्रयोग किया? बहुरूपी, ढोंगी किस शब्दकोश में असंसदीय भाषा हैं? आप किसी ऐसे व्यक्ति को क्या कहेंगे जो अलग-अलग रूप लेता है और गलत तथ्यों को प्रस्तुत करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश करता है।

इससे पहले दिन में जदयू नेता ने पीएम पर हमला करने के बाद बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। सिंह ने शुक्रवार को कहा, 2014 में नरेंद्र मोदी ने देश में यह कहकर घूमे की वह अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) से हैं। गुजरात में कोई ईबीसी नहीं है, केवल ओबीसी है। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपनी जाति को ओबीसी में जोड़ा। बीजेपी को 'गंदी जगह' बताते हुए सिंह ने कहा कि बीजेपी छोड़कर जदयू में शामिल होने वालों ने अच्छा काम किया है।

महंगाई की कभी चर्चा नहीं होती, लेकिन चीता की चर्चा होती है। क्या चीता भूखा रहेगा? रोजगार चौपट हो गया है। महंगाई पर केंद्र सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। पीएम मोदी ने कभी चाय नहीं बेची, क्या उन्हें चाय बनाना भी आता है।

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