
जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया था। खालिद, शारजील इमाम और कई अन्य लोगों पर आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत कथित तौर पर फरवरी 2020 के दंगों के मास्टरमाइंड होने के लिए मामला दर्ज किया गया था, इन दंगो में 53 लोग मारे गए जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए।
सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। खालिद के अलावा, कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू के छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों पर भी मामले में कड़े कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।