
दुर्गाबाई देशमुख, हंसा मेहता, राजकुमारी अमृत कौर और कई अन्य महिला सदस्यों ने भी महिलाओं से जुड़े विषयों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके योगदान पर शायद ही कभी चर्चा की जाती है, उन्होंने रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संविधान की एक और विशेषता है जो आज के समय में और भी प्रासंगिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने हमें एक ऐसा दस्तावेज दिया है जो खुला, भविष्यवादी और आधुनिक दृष्टि के लिए जाना जाता है, जो इसे युवा केंद्रित बनाता है।
उन्होंने कहा कि युवा शक्ति भारत के विकास के हर पहलू में अपनी छाप छोड़ रही है, चाहे वह खेल हो या स्टार्टअप, सूचना प्रौद्योगिकी हो या डिजिटल भुगतान। उन्होंने कहा कि युवाओं में संविधान की समझ बढ़ाने के लिए जरूरी है कि वे संवैधानिक विषयों पर बहस और चर्चा का हिस्सा बनें। मोदी ने कहा, इससे संविधान में उनकी रुचि और बढ़ेगी। यह समानता और सशक्तिकरण जैसे विषयों को समझने के लिए युवाओं के बीच एक दृष्टि पैदा करेगा।