जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक तापमान गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश के साथ बढ़ गया, भले ही इस क्षेत्र में मौसम कांप रहा हो। भारत जोड़ो यात्रा अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है और यह 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होने वाली है। राहुल गांधी सहित प्रतिभागियों को गुरुवार शाम जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर में आग की मशाल थामे देखा गया।

उधमपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस को याद करते हुए कहा कि कैसे 1990 के दशक के दौरान सबसे पुरानी पार्टी की सरकार ने भाजपा की यात्राओं को रोक दिया था। 1990 के दशक में हमने वह दौर देखा था जब जम्मू-कश्मीर के नाम पर खून-खराबा हो रहा था और आतंकवाद अपने चरम पर था।

उन्होंने कहा, 2011 में जब तिरंगा यात्रा निकाली गई थी तो हमारे 3 वरिष्ठ नेताओं- अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार को जम्मू के हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर पठानकोट भेज दिया गया था। हम उसे कैसे भूल सकते हैं? उन्हें याद आया। अब, जब पीएम मोदी ने वह किया जो वे नहीं कर सके - धारा 370 को निरस्त करना, जम्मू-कश्मीर मुख्यधारा का हिस्सा बनना- वे अपने प्यार का इजहार कर रहे हैं। हकीकत यह है कि उनकी राजनीति अलगाववाद से फली-फूली। जहां-जहां से भारत जोड़ो यात्रा गुजरी, वहां कांग्रेस तोड़ हुई।

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